🌟 परिचय
सुंदर पिचाई का नाम आज दुनिया की सबसे बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों में से एक गूगल और इसकी पेरेंट कंपनी Alphabet Inc. से जुड़ा हुआ है। उन्होंने मेहनत, लगन और दूरदृष्टि से ये मुकाम हासिल किया है, जहाँ आज वे दुनियाभर के युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुके हैं।
👶 प्रारंभिक जीवन
पूरा नाम: पिचाई सुंदरराजन
जन्म: 12 जुलाई 1972
जन्मस्थान: मदुरै, तमिलनाडु, भारत
पिता: रेगुनाथ पिचाई (इलेक्ट्रिकल इंजीनियर)
माता: लक्ष्मी (स्टेनोग्राफर)
सुंदर का बचपन चेन्नई के एक मध्यमवर्गीय परिवार में बीता। उनके पास बचपन में कंप्यूटर नहीं था, लेकिन उनके अंदर टेक्नोलॉजी के प्रति गहरी रुचि बचपन से ही थी। उनके पिता ने उन्हें बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स कैसे काम करता है, और वहीं से उनके अंदर विज्ञान के प्रति जुनून पैदा हुआ।
🎓 शिक्षा:
1. स्कूलिंग: जवाहर विद्यालय, अशोक नगर, चेन्नई
2. इंजीनियरिंग: मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग, IIT खड़गपुर
3. एमएस: स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी (Material Science & Semiconductor Physics)
4. MBA: व्हार्टन स्कूल, यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया
सुंदर पिचाई ने IIT खड़गपुर में टॉपर रहकर विदेश में स्कॉलरशिप प्राप्त की और आगे की पढ़ाई अमेरिका में की।
💼 करियर की शुरुआत – विस्तार से:
🎯 उच्च शिक्षा के बाद पहला कदम
सुंदर पिचाई ने जब स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से मास्टर्स (MS) किया और फिर व्हार्टन स्कूल से MBA पूरा किया, तब उनके पास अमेरिका में कई जॉब ऑप्शंस थे। वे टेक्नोलॉजी और मैनेजमेंट—दोनों के माहिर बन चुके थे।
🏢 Applied Materials में पहला काम
1. Applied Materials नामक एक सिलिकॉन वैली की मटीरियल साइंस कंपनी में सुंदर ने अपने करियर की शुरुआत की।
2. यहाँ उन्होंने सेमीकंडक्टर मटीरियल्स और प्रोडक्ट मैनेजमेंट पर काम किया।
3. यह काम टेक्निकल था, लेकिन सुंदर को कुछ समय बाद अहसास हुआ कि उनकी रुचि बिज़नेस स्ट्रैटेजी और कस्टमर-फेसिंग टेक्नोलॉजी में ज्यादा है।
🕴 McKinsey & Company में कंसल्टिंग
1. इसके बाद उन्होंने McKinsey & Company जॉइन की—जो दुनिया की सबसे बड़ी कंसल्टिंग फर्मों में से एक है।
2. यहाँ उन्होंने टेक्नोलॉजी, स्ट्रैटेजी और मैनेजमेंट से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर काम किया।
3. यह अनुभव उनके सोचने और निर्णय लेने के नजरिए को और परिपक्व बना गया।
🔁 करियर में टर्निंग पॉइंट – गूगल में प्रवेश
📅 साल 2004 – गूगल जॉइन करना
1. 2004 में सुंदर पिचाई ने गूगल जॉइन किया।
2. यह वो समय था जब गूगल तेजी से बढ़ रहा था, लेकिन केवल सर्च इंजन के रूप में ही जाना जाता था।
3. सुंदर को शुरू में Product Management और Innovation की टीम में लिया गया।
🔧 Google Toolbar का विकास
1. उस समय ज्यादातर लोग Internet Explorer या Firefox ब्राउज़र इस्तेमाल करते थे।
2. सुंदर ने गूगल टूलबार पर काम किया, जिससे लोग बिना गूगल वेबसाइट खोले ही सर्च कर पाते थे।
3. यह फीचर बेहद सफल रहा और सुंदर के काम को गूगल के सीनियर्स ने खूब सराहा।
🌐 Google Chrome – सफलता की चोटी
💡 सुंदर का बड़ा आइडिया
1. सुंदर ने सुझाव दिया कि गूगल को अपना वेब ब्राउज़र (Google Chrome) बनाना चाहिए।
2. शुरू में गूगल के सीनियर इस विचार से सहमत नहीं थे, लेकिन सुंदर ने डेटा और लॉजिक से उन्हें मना लिया।
🚀 2008 – Google Chrome का लॉन्च
1. गूगल क्रोम लॉन्च होते ही दुनिया का सबसे तेज और सुरक्षित ब्राउज़र बन गया।
2. कुछ ही सालों में इसने Internet Explorer और Firefox को पीछे छोड़ दिया।
3. इस बड़ी सफलता के बाद सुंदर को Senior Vice President of Product Management बना दिया गया।
🔼 तेजी से प्रमोशन
1. सुंदर ने Android, Gmail, Google Maps, और Google Drive जैसे प्रोडक्ट्स पर भी काम किया।
2. उनके शांत स्वभाव, टीम लीडिंग स्किल्स, और फोकस्ड विजन के कारण उन्हें गूगल के टॉप लीडरशिप में जगह मिलती गई।
🚀 गूगल में सफलता
1. सुंदर की टीम ने Chrome OS, ChromeBooks, Google Maps, Gmail और Android जैसे प्रोजेक्ट्स में शानदार योगदान दिया।
2. उनकी नेतृत्व क्षमता और शांत स्वभाव ने गूगल के भीतर उन्हें एक भरोसेमंद लीडर बना दिया।
👑 सीईओ बनना
1. 2015 में सुंदर पिचाई गूगल के CEO बने।
2. 2019 में उन्हें Alphabet Inc. का भी CEO बना दिया गया।
3. यानी अब वे गूगल और उसकी पेरेंट कंपनी दोनों के प्रमुख हैं।
🌏 उनकी सोच
"कभी भी सपने देखना बंद मत करो। अवसर हर किसी के लिए होता है, फर्क सिर्फ उस पर यकीन करने में होता है।" – सुंदर पिचाई
🏆 पुरस्कार और सम्मान
1. दुनिया के सबसे प्रभावशाली भारतीयों में गिने जाते हैं।
2. अमेरिका में भारतीय समुदाय के लिए एक प्रेरणा।
3. फोर्ब्स, टाइम और अन्य वैश्विक मंचों पर सम्मानित।
📌 निष्कर्ष
सुंदर पिचाई की कहानी इस बात का प्रमाण है कि अगर आपके पास सपने देखने की हिम्मत, कड़ी मेहनत और धैर्य है, तो आप किसी भी ऊँचाई तक पहुँच सकते हैं। एक मध्यमवर्गीय भारतीय लड़के से दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों का नेतृत्व करने वाला शख्स बनना—ये असाधारण नहीं, बल्कि प्रेरणादायक है।